वेलेंटाइन डे अपने साथ जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए नृशंस हमले की भयावह खबर लेकर आया। हमलावर ने वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने बड़े गर्व से घोषणा की कि दुनिया जब तक उसका वीडियो देख नहीं लेती, तब तक वह उसके वादा किए हुए प्रतिश्रुत देश में होगा!
पुलवामा हमले की धृष्टता और उसके परिमाण पकड़ आने में मुझे कई दिन लग गए और मैं इस हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। सैनिकों की शहादत को कभी भूलाया नहीं जा सकता, उनके अनाथ परिवारों की हर संभव मदद की जानी चाहिए। ज़ाहिरन हर भारतीय की भावनाएँ चरम पर हैं। हमारी सेना पर कोई हमला करें इसे कोई भी नहीं देखना चाहता और इस तरह के कायरतापूर्ण आत्मघाती हमले की सभी ओर से निंदा होना भी उचित है।
पाकिस्तान को इसके निहितार्थ दूरगामी झेलने होंगे और दोनों राष्ट्रों को यथास्थिति में वापस लौटने में बहुत लंबा समय लगेगा, जिनमें वैसे भी अत्यधिक तनावपूर्ण संबंध थे।
इस समय राष्ट्र रक्त की उचित पुकार कर रहा है और प्रधान मंत्री ने आश्वस्त किया है कि पाकिस्तान को इस बला की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। अजहर मसूद की धमकियों के साये में होने के बावजूद जिस तरह से इमरान ख़ान ने "उचित प्रतिक्रिया" दी है, उसे समझा जा सकता है, पर ऐसा करते हुए वे पिछले सभी युद्धों में पाकिस्तान की दुर्गति को शायद भूल गए हैं।
ओसामा बिन लादेन से लेकर दाऊद इब्राहिम तक और अजहर मसूद से लेकर हाफिज सईद तक, हर ज्ञात आतंकवादी को पाकिस्तान में संरक्षण प्राप्त है। क्या यह संरक्षण पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अनुमोदन पर हो रहा है, यह घिनौनी बहस का विषय हो सकता है लेकिन तथ्य तो यह है कि ये लोग उस देश में हैं।
आइए हम कुछ दिलचस्प बिंदुओं को देखते हैं:
- 13 फरवरी 2019 को आत्मघाती हमलावर द्वारा 27 ईरानी क्रांतिकारी रक्षक मारे गए थे। ईरानी सरकार ने पाकिस्तान को उनके कुलीन रक्षकों की हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया के साथ धमकी दी। क्या पाकिस्तान ने यह हमला सऊदी राजकुमार को अपने पक्ष में करने के लिए किया था?
- अफगानिस्तान लगातार उन हमलों का सामना कर रहा है जो पाकिस्तानी धरती पर पलते हैं और अफगानिस्तान और अशरफ गनी पर किए जाते हैं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पाकिस्तान को आतंकवादी राज्य कहने में कभी हिचकिचाते नहीं है।
- बलूचिस्तान पाकिस्तान के लिए बड़ा काँटा है। स्थानीय लोगों द्वारा किए जा रहे तमाम प्रतिरोधों को नष्ट करने और मजबूत अलगाववादी आंदोलन पर अपना नियंत्रण बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के पास अत्यधिक बल प्रयोग करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। पश्चिम पाकिस्तान से अत्यधिक मतभेदों के चलते बांग्लादेश बना था। तब क्या बलूचिस्तान दुनिया का अगला स्वतंत्र देश होगा?
- बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका ने न डगमगाते हुए भारत में हुए हमले की निंदा की है और पाकिस्तान को इस क्षेत्र से कोई सहानुभूति नहीं मिल रही है। पाकिस्तान ने अपने कर्मों से सार्क की प्रभावशीलता को बेअसर कर दिया है।
- चीन को छोड़ दें तो दुनिया के हर देश ने आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है और पाकिस्तान जल्दबाज़ी में कोई दोस्त नहीं बना पा रहा है।
- चीन को अपने चीनी-पाकिस्तानी आर्थिक गलियारे के लिए वर्तमान में पाकिस्तान की आवश्यकता है। चीन के लिए सभी रिश्ते अंततः पैसों पर आकर थमते हैं। वह दिन दूर नहीं जब चीन भी समझ जाएगा कि किसी साँप को अपनी आस्तीन के अंदर पालतू बनाकर रखने और उम्मीद करने से कि वह कभी काटेगा नहीं, तो वैसा संभव नहीं हो सकता।
- राष्ट्रपति ट्रम्प ने बिना किसी संदेह या शर्तों के भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है और पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी धरती पर आतंकवादियों को शरण देना बंद करें।
पाकिस्तान वैश्विक परित्यक्त बन गया है और हर पाकिस्तानी नागरिक अपने राजनीतिक, धार्मिक और सेना के नेताओं के कुकृत्यों के प्रभाव को महसूस कर रहा होगा। पाकिस्तानी नागरिक अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी सरकार पर दबाव क्यों नहीं डालते? वे धार्मिक और राजनीतिक बयानबाजी क्यों बह जाते हैं?
पाकिस्तान दुष्ट राष्ट्र बन चुका है और विश्व यह बात स्वीकार रहा है। अगर पाकिस्तान अपनी थोड़ी भी साख बनाए रखना चाहता है तो उसे ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वह अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता की तलवार को खड़खड़ा सकता है, जैसा कि वह चाहता है लेकिन वह यह भी जानता है कि उसकी इस धमकाने वाली तलवार का कोई उपयोग नहीं होने वाला।
दशकों तक इस तरह के समर्थन की पेशकश का प्रभाव आम पाकिस्तानी नागरिक द्वारा महसूस किया जाता रहा है। सेना द्वारा देश का धन बहुतायत में हथियार खरीदने में खर्च होता है, संभवतः काफी बड़ी मात्रा में धन का दूसरा हिस्सा जनरलों और राजनेताओं की जेबें भरने में खर्च हो जाता है। औसत पाकिस्तानी को पूरी दुनिया में बिना उसकी किसी गलती के अवमानना झेलनी पड़ती है।
पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था दिवालिया होने की कगार पर है। बेलआउट पैकेज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जाना कोई विकल्प नहीं है क्योंकि आईएमएफ पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था में मौलिक सुधार करने के लिए कहेगा। इसलिए उनके नेता कटोरा लेकर देश-देश घूम रहे हैं कि कहीं से जम़ानती रिहाई के लिए कुछ राशि मिल जाएँ। चीन, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने थोड़ा ऋण दिया है लेकिन बड़ी साफ़ कठोर शर्तों के साथ कि ऋण तो चुकाना ही होगा। पाकिस्तान अब केवल इतना करने की स्थिति में है कि किसी तरह से अपरिहार्य घटने को कुछ महीनों के लिए रोक दें।
सर्वाधिक इष्ट राष्ट्र- मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएमएन-MFN) का दर्जा वापस लेने से पाकिस्तानी निर्यातकों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। अपने उत्पादों के लिए तैयार बाज़ार खोजना आसान नहीं होगा, यह तब और अधिक कठिन होगा जब अंतर्राष्ट्रीय भावना उनके देश के खिलाफ है। उनके सामने अधिक आर्थिक चुनौतियाँ आने की आशंका जताई जा रही है।
इमरान खान ने जो वादा किया था वह "नया" पाकिस्तान कहाँ है? जिस तरह के काम इमरान खान की सरकार कर रही है उसे देखकर तो यही लगता है कि यह सरकार नई बोतल में पुरानी शराब की तरह है और वह भी ऐसी शराब जो समय के साथ बासी होती जा रही है!
भारत सरकार पर बढ़ते दबाव को देखकर लगता है कि क्या भारत ईरान के साथ अपने उत्कृष्ट संबंधों का उपयोग करेगा और संयुक्त रूप से दोनों देश मिलकर पाकिस्तान द्वारा लगातार हो रहे "योजनाबद्ध" हमलों का बदला लेंगे? क्या भारत सरकार इज़राइल से उनकी सटीक मिसाइल की सहायता देने की माँग करेगी?
प्रधान मंत्री मोदी पुलवामा का बदला बहुत मजबूत जवाब देकर लेंगे। प्रतिक्रिया किस तरह से दी जाएँ इसके चयन के लिए वे समय ले रहे हैं, न कि वे निर्देशित या सार्वजनिक भावना में घी डालकर कोई काम करना चाहते हैं।
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लेखक कार्यकारी कोच और एंजेल निवेशक हैं। राजनीतिक समीक्षक और टीकाकार के साथ वे गार्डियन फार्मेसीज के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। वे 6 बेस्ट सेलर पुस्तकों – द ब्रांड कॉल्ड यू- The Brand Called You रीबूट- Reboot. रीइंवेन्ट Reinvent. रीवाईर Rewire: 21वीं सदी में सेवानिवृत्ति का प्रबंधन, Managing Retirement in the 21st Century; द कॉर्नर ऑफ़िस, The Corner Office; एन आई फ़ार एन आई An Eye for an Eye; द बक स्टॉप्स हीयर- The Buck Stops Here – लर्निंग ऑफ़ अ # स्टार्टअप आंतरप्रेनर और Learnings of a #Startup Entrepreneur and द बक स्टॉप्स हीयर- माय जर्नी फ़्राम अ मैनेजर टू ऐन आंतरप्रेनर, The Buck Stops Here – My Journey from a Manager to an Entrepreneur. के लेखक हैं।
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अनुवादक- स्वरांगी साने – अनुवादक होने के साथ कवि, पत्रकार, कथक नृत्यांगना, साहित्य-संस्कृति-कला समीक्षक, भारतीय भाषाओं के काव्य के ऑनलाइन विश्वकोष-कविता कोश में रचनाएँ शामिल। दो काव्य संग्रह- काव्य संग्रह “शहर की छोटी-सी छत पर” मध्य प्रदेश साहित्य परिषद, भोपाल द्वारा स्वीकृत अनुदान से प्रकाशित और काव्य संग्रह “वह हँसती बहुत है” महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा द्वारा स्वीकृत अनुदान से प्रकाशित।