Wednesday 27 November 2019

सेवानिवृत्ति के बाद कहाँ रहना चाहते हैं?


सेवानिवृत्ति के फैसले के साथ क्या आपने यह फैसला भी कर लिया है कि उसके बाद आप कहाँ रहना चाहेंगे?
क्या आपने अपना घर पहले ही खरीद रखा है? या आप सेवानिवृत्ति के करीब आते ही घर खरीदने की योजना बना रहे हैं? या आप उन व्यक्तियों में से हैं जो घर के स्वामित्व में विश्वास नहीं करते हैं, बल्कि उसे किराए पर देते हैं और अपनी संपत्ति के किराये की उपज को देखना पसंद करते हैं? मैंने दर्जनों लोगों से बात की लेकिन मुझे इस बारे में कोई स्पष्ट प्रवृत्ति देखने नहीं मिली कि सेवानिवृत्ति के बाद आगे का जीवन लोग कहाँ बिताना पसंद कर रहे हैं और उनकी सोच क्या है।
यह बहुत ही व्यक्तिगत निर्णय है और मैंने ऐसे कई जोड़ों से भी बात की जिन्होंने अपने बच्चों के साथ इस पर विचार-विमर्श किया है। मैंने कई लोगों को यह निर्णय लेने में संघर्ष करते देखा है। ऐसे जोड़ों के साथ चर्चा के दौरान मुझे यह चर्चा बहुत विवादपूर्ण मुद्दा लगी। कई पुरुष अपनी जड़ों की ओर वापस जाना चाहते थे, उस जगह, जहाँ उनके माता-पिता थे या जहाँ वे पैदा हुए थे या वे राज्य थे जो उनके विस्तारित परिवार द्वारा प्रदान किए गए समर्थन नेटवर्क के थे।
महिलाएँ उस जगह पर रहना चाहती थीं, जहाँ वे सबसे लंबे समय तक रहे थे क्योंकि यह वह जगह थी जहाँ उनके दोस्त थे। क्या आपका उन दोस्तों का समूह है जो आपके हमउम्र है? जो हालिया सेवानिवृत्त हुए हैं या सेवानिवृत्त होने वाले हैं? यदि नहीं, तो आप अपने व्यस्त मित्रों के जीवन में दखल देने लगेंगे जो अभी भी कार्यरत हैं तो इससे पहले कि आप कुछ समझ पाएँ, आपके अपमानित होने की आशंका है।
कुछ युगल जहाँ उनके बच्चे रहते हैं, वहीं जाने का विकल्प चुनते हैं और जल्द ही निराश हो जाते हैं क्योंकि उनके बच्चों के पास माता-पिता के लिए उतना समय नहीं होता है जितना उन्हें देना चाहिए होता है या माता-पिता उनसे चाहते हैं। अधिकांश माता-पिता भूल जाते हैं कि उन्होंने अपने माता-पिता को कितना समय दिया था लेकिन अपने बच्चों से अनुचित अपेक्षाएँ करने लगते हैं।
याद रखें कि आपकी सेवानिवृत्ति के बाद की संवेदनशील मानसिकता वाली स्थिति में, आपको ऐसे ही लोगों के साथ रहने की जरूरत है जो आपके जैसे ही दौर से गुज़र रहे हैं और जो आपको समझेंगे और न कि आप जो हैं और आपके पास जो है, उससे आपको आँकें।
जब आप सेवानिवृत्ति के बारे में सोचते हैं, तो क्या आप समुद्र तट पर, किसी पहाड़ पर, या किसी रिसॉर्ट में रहने या पूजा स्थल पर जाने की कल्पना करते हैं? बहुत से लोग तय करते हैं कि जब वे सेवानिवृत्त हो जाएँगे, वे घूमने जाएँगे। लेकिन यह चुनना कि आपको कहाँ रहना है, यह तय करने से कुछ अधिक है कि आप समुद्र तटों को पसंद करते हैं या पहाड़ों को। वास्तव में, बहुत से लोग अपनी सेवानिवृत्ति की सबसे बड़ी गलती यह तय करने में करते हैं, कि उन्हें कहाँ रहना है।
एक बार जब आप यह तय कर लेते हैं कि कहाँ रहना है और अगर यह वह शहर नहीं है जहाँ आप अब तक रहते आए थे, तो नई जगह का पूर्व परीक्षण कर लें। यदि संभव हो, तो उस स्थान पर छह महीने से एक वर्ष के लिए घर किराए पर लें। यदि आपके प्रस्तावित गंतव्य पर जाने में कुछ सप्ताह का समय है तो आप हर स्थिति का प्रबंधन कर सकते हैं, आप वर्ष के दौरान अलग-अलग समय पर वहाँ जाकर देख सकते हैं। आप जितनी बार वहाँ की यात्रा करेंगे, आप अधिक सही तरीके से समझ पाएँगे कि सेवानिवृत्ति के स्थान की अपनी पसंद के साथ आप पूरे साल ख़ुश रह सकते हैं या नहीं।
यात्रा करेंगे, आप उतने ही सटीक तरीके से आकलन कर पाएँगे कि आप अपनी सेवानिवृत्ति के बाद पसंद के साथ साल भर खुश रहेंगे या नहीं।
आपने अपने घर के लिए अच्छा-खासा धन निवेश करेंगे तो आप यह सुनिश्चित करना चाहेंगे ही कि आप सही निर्णय ले रहे हैं।
अवकाश स्थल पर जाना
अपने सपनों वाले अवकाश स्थल पर पूरे साल रहना फंतासी हो सकती है लेकिन यह आपकी छुट्टियों का विस्तार नहीं हो सकता है। कहीं भी आप जब केवल दो सप्ताह की छुट्टी पर जाते हैं, तो आप वहाँ की केवल उन सभी सकारात्मकताओं को देखते हैं, जिन्हें आप देखना चाहते हैं और उस स्थान के नकारात्मक पहलू पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। क्या वहाँ का ‘ऑफ़-सीजन’ मौसम सहनीय होता है?
यदि आप "बड़े शहर" में रहने वाले युगल हैं, तो क्या आप अपने अवकाश गंतव्य के ‘पीक सीज़न’ के बाद के ‘ऑफ़-सीजन’ में भी वहाँ रह सकते हैं, जहाँ आपके साथ मिल-बैठने के लिए कुछ स्थानीय निवासियों के अलावा कोई नहीं होगा? हमारे कई दोस्तों के बारे में हमें पता है कि जिन्होंने गोवा में बसने का फैसला लिया है, जबकि कुछ मनाली और कूर्ग के बारे में सोच रहे हैं। कुछ और साहसी दोस्त इटली, स्पेन, थाईलैंड, मलेशिया और यहाँ तक कि मकाऊ में भी घर लेने पर विचार कर रहे हैं। दो या अधिक घरों की देखरेख करना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है।
ऐसा निर्णय लेते समय खुद से अवश्य पूछिए कि क्या वहाँ ‘ऑफ़ सीजन’ के महीनों में भी पर्याप्त सुविधाएँ, सेवाएं और गतिविधियाँ होती हैं? साथ ही क्या आप उन महीनों को बर्दाश्त कर सकते हैं जब पर्यटक आपके शहर पर हावी हो जाते हैं?
सह-स्वामित्व
कई शहरों में कॉन्डोमिनियम कॉम्प्लेक्स (सह-स्वामित्व) के निर्माण के साथ, बड़ी तादाद में लोग स्वतंत्र घरों में रहते हुए भी सामुदायिक जीवन को आसान और रोज़मर्रा की झंझटों से दूर बना पा रहे हैं। जहाँ उपयोगिताओं और सुरक्षा जैसी सामान्य सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है और पड़ोसियों का एक बड़ा समुदाय होता है जिनके साथ आपका संभावित दोस्तों का "पूल" बन सकता है।
यहाँ तक कि अगर केवल आप और आपका जीवनसाथी किसी अपार्टमेंट में जाने पर विचार कर रहे हैं, तो ऐसा लें, जिसमें कम से कम तीन बेडरूम हों। आप भी चाहेंगे कि जब आपके बच्चे, नाती-पोतों और दोस्तों के आने-जाने पर उनके लिए जगह रहे, और आपको अतिरिक्त भंडार की जगह, काम करने की जगह, या यहाँ तक कि एक कार्यालय भी लग सकता है जहाँ आप अतिरिक्त आय के लिए काम करना जारी रखना चाहते हो।
उस शहर में बसना जहाँ आपके दोस्त हैं
स्थान की पसंद को प्रभावित करने वाला सामान्य धागा मित्र है। अधिकांश दंपत्तियों ने वहाँ रहना तय किया था कि उनके दोस्त हैं। ये वे लोग थे जिनके साथ वे अपने जीवन के शेष तीन विषम दशक बिताना चाहते थे।
हालाँकि, दोस्तों का बड़ा नेटवर्क होना आपकी नई अवस्थिति में आपकी खुशी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन आप दोस्तों की देखादेखी करने का फैसला लेने से पहले अन्य कारकों जैसे कि रोजगार और रहने की लागत को अनदेखा न करें। मैं बैंगलोर के कुछ जोड़ों से मिला हूँ, जिन्होंने अपने दोस्तों की वजह से दिल्ली में बसने का फैसला किया, लेकिन जैसे-जैसे वे उम्रदराज़ होते गए, अपने परिवार के साथ वापस आने का आग्रह दोस्तों के साथ रहने की उनकी जरूरत से ज्यादा था। मैं एक ऐसे जोड़े से भी मिला, जो माता-पिता के साथ रहने के लिए दिल्ली गए थे, लेकिन जब माता-पिता का निधन हो गया, तो उनके पास शहर में कोई अन्य बंधन नहीं बचा था क्योंकि उनके सारे दोस्त चेन्नई में थे, वे यहाँ खुद को पूरी तरह बाहर का पा रहे थे।
सुनिश्चित करें कि आप अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं को जानते हैं। यदि आप किसी ऐसे स्थान पर जाने का निर्णय ले रहे हैं, जहाँ आपके मित्र रहने गए हैं तो पहले यह समझ लें कि उन्होंने उस स्थान पर जाने से पहले वहाँ जाने का निर्णय क्यों लिया।
आपको हैरानी हो सकती है कि उनके कारण आपके कारणों से बहुत भिन्न हैं और वे आपके लिए उतनी बार उपलब्ध नहीं हो सकते हैं जितनी बार आप चाहेंगे कि वे रहे।
सेवानिवृत्ति समुदाय
एक ओर जहाँ पश्चिम में "वृद्धाश्रम" या "सहायताप्राप्त सजीव समुदाय" आम हैं और लोग सक्रिय रूप से ऐसे समुदाय की तलाश करते हैं जिसमें वे रहना चाहते हैं, पर दूसरी ओर भारत में ऐसे विकल्प अभी-अभी दिखाई देने लगे हैं।
अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम भेजने की संभावना के बारे में हममें से अधिकांश पूर्ण रूप से समझ नहीं पाते हैं क्योंकि भारत में इसके साथ सामाजिक कलंक जुड़ा है। इसलिए, जब हम अपनी सेवानिवृत्ति के बाद की योजनाओं को बनाने के बारे में सोचते हैं, तो यह हमारी योजनाओं में आसानी से नहीं होता है।
हालाँकि, घरेलू सहायता प्राप्त करने में कठिनाइयों की नई वास्तविकता को देखते हुए और यह तथ्य समझते हुए कि हममें से अधिकांश के बच्चे या तो किसी दूसरे शहर या किसी अन्य देश में अपने जीवन में व्यस्त हैं, तो जिस शहर को हमने रहने के लिए चुना है, उस शहर में सेवानिवृत्ति समुदाय में घर खरीदना कोई बुरा विचार नहीं है।
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लेखक कार्यकारी कोच, कथा वाचक (स्टोरी टेलर) और एंजेल निवेशक हैं। वे अत्यधिक सफल पॉडकास्ट के मेजबान हैं जिसका शीर्षक है - द ब्रांड कॉल्ड यू- The Brand Called You, राजनीतिक समीक्षक और टीकाकार के साथ वे गार्डियन फार्मेसीज के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। वे 6 बेस्ट सेलर पुस्तकों के लेखक हैं और कई ऑनलाइन समाचार पत्रों के लिए लिखते हैं।
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अनुवादक- स्वरांगी साने – अनुवादक होने के साथ कवि, पत्रकार, कथक नृत्यांगना, साहित्य-संस्कृति-कला समीक्षक, भारतीय भाषाओं के काव्य के ऑनलाइन विश्वकोष-कविता कोश में रचनाएँ शामिल। दो काव्य संग्रह- काव्य संग्रह “शहर की छोटी-सी छत पर” मध्य प्रदेश साहित्य परिषद, भोपाल द्वारा स्वीकृत अनुदान से प्रकाशित और काव्य संग्रह “वह हँसती बहुत है” महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा द्वारा स्वीकृत अनुदान से प्रकाशित।

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